Daily Current Affairs for UPSC, IAS, State PCS, SSC, Bank, SBI, Railway, & All Competitive Exams - 06 December 2019
ROTAVAC 5D
- इसे उपराज्ट्रपति द्वारा जारी किया गया है।
- इसका निर्माण भारत बायोटेक कंपनी द्वारा किया गया है।
- रोटावायरस स्मॉल इन्टेसटाइन को प्रभावित करता जहाँ भोजन का चाचन एवं अवशोषण होता है।
- इसके वजह से पाचन एवं अवशोषण की प्रक्रिया बाधित होती है और बच्चे डायरिया के शिकार हो जाते हैं।
- प्रत्येक 1000 बच्चों में 37 बच्चों की मृत्यु 5 वर्ष से पहले हो जाती है, जिसमें एक सर्वप्रमुख कारण रोटाबायरस की वजह से होने वाली डायरिया की बीमारी है।
- संक्रामक बीमारी है जिसकी वजह से खुले में शौंच एवं सफाई न करने के कारण यह तेजी से फैलता है।
- इस बीमारी का लक्षण - डिहाइड्रेशन, फिवर, पेट दर्द, उल्टी-दस्त, नाक का बहना (पानी आना) आदि हैं।
- WHO की अनुशंसा यह रहती है कि इसकी पहली डोज बच्चे के जन्म के 6 सप्ताह के अंदर दे दिया जाना चाहिए।
- अगस्त 2019 में स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने घोषणा किया कि आने वाले समय में कुछ ही माह में हर बच्चे को रोटावायरस वैक्सीन लगा दी जायेगी
- वैक्सीन के साथ-साथ हाइजीन भोजन, हाथों की सफाई, स्वच्छ पानी, स्वच्छ खाना, विटामिन A की उपलब्धता आदि इस वायरस से प्रोटेक्ट कर सकते हैं।
मौद्रिक नीति (Monetary Policy)
- मौद्रिक नीति से तात्पर्य उस नीति से होता है जिसके माध्यम से किसी देश में मुद्रा की आपूर्ति नियंत्रित किया जाता है।
- सामान्यतः मौद्रिक नीति की जिम्मेदारी किसी भी देश के केन्द्रीय बैंक की होती है।
- मौद्रिक नीति के तीन प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित होते हैं।
- मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना
- आर्थिक संवृद्धि को बनाये रखना
- मुद्रा के विनिमय दर को संतुलित बनाये रखना
- मौद्रिक नीति वर्ष में 2 बार अपैल और अक्टूबर के माह में जारी होती है लेकिन प्रत्येक 2 माह में इसकी समीक्षा की जाती है।
- मौद्रिक नीतियों को जारी करने और इसके प्रभाव पर नजर रखने के लिए मौद्रिक नीति कमेटी का गठन किया गया है।
- इस कमेटी में 6 सदस्य होते हैं। तीन सदस्य RBI से जुड़े होते हैं तो तीन सदस्य बाहर से होते हैं जिन्हें अर्थव्यवस्था की जानकारी होती है।
- RBI का गवर्नर इस कमेटी का अध्यक्ष होता है
- निर्णय सामान्यतः बहुमत से लिये जाते हैं लेकिन गवर्नर के पास वोट बराबर होने पर निर्णय का अधिकार होता है।
- कमेटी का लक्ष्य अभी 4% वार्षिक मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना है जिसमें 2% कमी और बढ़ोतरी की सीमा रखी गई है।
- मुद्रास्फीति - वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्य में निरंतर बढ़ोत्तरी की अवस्था हैं, जिससे एक देश की मुद्रा की क्रय क्षमता मं कमी होती है इसी को मुद्रास्फीति कहते हैं। सामान्य शब्द में इसे महंगाई के नाम से जाना जाता है।
मुद्रास्फीति कितनी होनी चाहिए और क्यों?
- वर्तमान संदर्भ में RBI गवर्नर शशिकांत दास ने रेपो रेट में कमी न करने का फैसला किया है। ह रेट 5.15% बनी रहेगी।
- रेपो रेट वह ब्याजदर है जिस पर एक बैंक RBI से कम अवधि का श्रण प्राप्त करती है।
- रेपो रेट ज्यादा होने पर बैंकों को ऋण प्राप्त करना महंगा हो जायेगा एवं कम होने पर ऋण सस्ता हो जायेगा जिससे अधिक ऋण बैंक ग्राहकों को दे सकेंगे क्योंकि उन्हें RBI से कम कीमत पर ऋण मिल जायेगा।
- RBI ने माना कि अर्थव्यवस्था की स्थिति खराब है लेकिन महंगाई नियंत्रण भी उसका जिम्मा है।
- RBI गवर्नर ने कहा - ‘‘आप हमसे मशीन की तरह रेट काटौती की उम्मीद नहीं कर सकते हैं’’।
- फरवरी 2019 से अब तक 5 बार रेपोरेट में कटौती की गई है अब उसका फायदा लोगों को मिलने लगा है।
- RBI ने GDP विकास दर 6.1% से घटाकर 5% कर दिया है।